या ज़िन्दगी मने जीनी नी आयी।

या ज़िन्दगी मने जीनी नी आयी।

आड़े झूठे लोगों न  हरिशचंद्र बतावे हैं
मुँह न कर क बन्द आँख त  बतलावे हैं ।
एक दिन ठा क तिरंगा देशभगति दिखावे हैं । 
बन के सोशल वर्कर गरीबो का  खावे हैं।
 मैं  रहा इसी तलाब मैं , पर कदे डुबकी नी लायी
शौरी यार
या ज़िन्दगी मने जीनी नी आयी।
या ज़िन्दगी मने जीनी नी आयी।
By Sanjay Raksera

देखे हक़ की र आड़ म हराम खान आले by Sanjay Raksera

देखे हक़ की र आड़ म हराम खान आले बैठे गरीबा न र लूट अल्लाह राम गान आले गंगाजल मिलअ कम ज्यादा दारुआ की पेटी करअ गंगा न खराब हरिद्वार जान आले...